आत्महत्या क्या एक समाधान?

अगर आप इस आर्टिकल पर आत्महत्या करने का सबसे आसान तरीका पढ़ने आए हैं तो लास्ट तक बने रहे, प्रतिदिन समाचार पत्र, रेडियो, टीवी में आत्महत्या की खबर आना आम बात हो गई है। जो बेहद चिंता का विषय बन गया है, प्रत्येक 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है, भारत में भी वर्ष 2017 के अनुसार 164000 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की जो लगभग 17% है।

मानसिक स्वास्थ्य सेवा अधिनियम (MHFA), वर्ष 2017 में आत्महत्या को अपराध मुक्त कर दिया है क्योंकि इसे एक मानसिक गंभीर बीमारी माना गया है, आत्महत्या की समस्या प्रतिदिन बढ़ रही है जिसके कुछ निम्न कारण हो सकते है।

1. अकेलापन   ऐसे लोग जो अक्सर अकेले रहते हैं, किसी से बात नहीं करते, उनके माता-पिता जॉब करते हैं, या उनके प्रियजन कहीं बाहर रहते हैं, ऐसी हालत में इंसान अकेलेपन के चलते आत्महत्या करने जैसा अपराध कर बैठता है। 






2. अंधविश्वास   अशिक्षा व अज्ञानता के कारण कई परिवार ढोंगी बाबा या तांत्रिको के जाल में फंसकर खुद या परिवार के साथ आत्महत्या कर लेते हैं।








3. छात्रों में बढ़ता तनाव   वर्तमान में छात्रों को पढ़ाई को लेकर काफी तनाव रहता है, ऐसे बच्चे जो परिवार से दूर जाकर पढ़ाई करते हैं उन पर परिवार समाज एवं आर्थिक समस्या का दबाव रहता है या ऐसे बच्चे जो पढ़ने में कमजोर रहते है ऐसे में काम नंबर आने या फेल हो जाने के डर से मौत को गले लगा लेते हैं।









4. मानसिक कारण   तनाव, चिंता, नकारात्मक विचार, ज्यादा सोचना एवं अवसाद आदि है, जिसमें अवसाद आत्महत्या का प्रमुख घटक है। 








5. आर्थिक कारण    कई बार परिवार व किसान बैंक से कर्जा ले लेते हैं, पर किसी कारणवश अगर उसे चुका नहीं पाते हैं तो बेज्जती और बदनामी के डर से परिवार सहित या अकेले आत्महत्या कर लेते हैं।

6. संबंधों में असमंजस्य     आजकल परिवारों में, प्रेम प्रसंग में सामंजस्य का अभाव अधिक देखने को मिलता है, जिसमें पति-पत्नी, पिता पुत्र, प्रेमी प्रेमिका के बीच कोई छोटा सा विवाद भी गंभीर रूप धारण कर आत्महत्या का कारण बन जाता है।







7. बेरोज़गारी   हमारे देश में जनसंख्या बढ़ रही है, उसी दर से बेरोजगारी भी बढ़ रही है, ऐसे में कुछ लोग नौकरी न पाने की वजह से समाज की अवहेलना सुनकर कई बार आत्महत्या कर लेते हैं।
8. इंटरनेट मोबाइल का अधिक उपयोग     कई बार लोग गेम खेलने या पैसा डबल करने के चक्कर में अपना काफी पैसा खो देते हैं तब वह बस आत्महत्या को ही आखिरी रास्ता मानते हैं।


आत्महत्या के संकेत ?  
 हमें आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के अंदर काफी बदलाव देखने को मिलता है, जैसे अकेले रहना, खुद को चोट पहुंचाना, सुसाइड नोट, धमकियां देना, अपनी पसंदीदा चीज दूसरों में बाँट देना आदि।

आत्महत्या रोकने के उपाय
यदि व्यक्ति अवसाद की स्थिति में लगभग 1 सप्ताह तक रहे हैं या गंभीर स्थिति में हो तो तत्काल मनोवैज्ञानिक या मनो चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें, उदास ना रहे, कोई ना कोई काम करते रहें, अकेलेपन से बचे, योगा मेडिटेशन करते रहें, डीप ब्रीदिंग करें, अपनी समस्या परिवार या प्रयोजन को अवश्य बताएं आदि।

और रही बात सबसे आसान आत्महत्या करने की, तो आत्महत्या है, तो वो आसान नहीं हो सकता, कुदरत ने आपको इस पृथ्वी पर भेजा है तो आप कुदरत के लिए खाश है, आत्महत्या करने से पहले अपने परिवार के बारे में सोचे या उनके बारे में सोचें जिनका आपके सिवा कोई नहीं है, और खुद से एक सवाल पूछे कि क्या आत्महत्या एक समाधान है? 
डिप्रेशन हेल्पलाइन नंबर 9334915053
आत्महत्या हेल्पलाइन नंबर 9152987821, या 988




                                       पूजा यादव द्वारा लिखित